Doodh ka Karj - 1 in Hindi Fiction Stories by S Sinha books and stories PDF | दूध का क़र्ज़ - 1

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दूध का क़र्ज़ - 1

                                                     भाग -1    दूध का क़र्ज़  


एक दिन जब तनुजा ने अपने घर फोन किया , उसके  पापा ने फोन उठा  कर कहा “ हाँ बेटा , बोल कैसी चल रही है तेरी पढ़ाई ? “


“ वो सब ठीक है , मुझे आपलोगों को एक खुशखबरी देनी है  .  “


“ हाँ बेटा जल्दी से बोल क्या है वह गुड न्यूज़ ? “


“ उंहूं , ऐसे नहीं  .  मम्मी को भी बताएं और फोन स्पीकर पर रखें  .  “ तनुजा ने कहा 


“ अजी सुनती हो , कहां हो ? तनु का फोन है तुम्हें बुला रही है  .  “  सुरेश ने पत्नी सीमा को आवाज दिया 


 तनु का नाम सुनते ही सीमा आटा गूंथना छोड़ कर किचेन से दौड़ी आयी , उसके हाथों में गीला आटा लगा था  .  उसे देख कर सुरेश ने कहा “ अरे भागवान  , हाथ तो धो लिया होता  .  “


तनु  मम्मी पापा की बात सुन रही थी , उसने कहा “ पापा कोई बात नहीं है  .  फोन स्पीकर पर है न ?  हमलोग बात कर  लेंगे  .  “ 


“ हाँ बेटा बोल “ सीमा ने कहा 


“ मम्मी एक गुड न्यूज़ है जिसे मैं आप दोनों से एक साथ शेयर करना चाहती हूँ  .  “


“ हाँ हम यहीं हैं , जल्दी सुना क्या बात है ? “ तनु के मम्मी पापा दोनों ने एक साथ कहा 


“ मम्मी पापा , अभी कुछ ही देर पहले मुझे कैंपस इंटरव्यू में माइक्रोसॉफ्ट का ऑफर मिला है  .  बहुत अच्छा पैकेज  है  .  माइक्रोसॉफ्ट के हैदराबाद सेंटर में मुझे छह महीने के प्रोबेशन के बाद अमेरिका जाना होगा  .  फाइनल पोस्टिंग अमेरिका के किसी शहर में होगी  .  “


“ बहुत बहुत बधाई  बेटे  .  “   मम्मी पापा दोनों ने एक साथ कहा 


“ अच्छा अभी मैं फोन रखती हूँ  . प्लेसमेंट ऑफिस जा कर मुझे ऑफर लेटर ले कर अपनी स्वीकृति देनी है  . बाकी बातें बाद में रात में होंगी   . “


तनुजा सिन्हा , जिसे प्यार से उसके माता पिता तनु कहते थे , सुरेश और सीमा की एकमात्र संतान थी  . उनकी शादी के  काफी बाद उन्हें एक पुत्री मिली  .  तनु के जन्म से  दोनों बहुत खुश थे  . वे लोग झारखंड के रांची के रहने वाले थे  . तनु दिल्ली के इंजीनियरिंग कॉलेज में बी टेक फाइनल ईयर में थी  . 


  सुरेश ने पत्नी से कहा “ अच्छा है , भगवान ने तनु की सुन ली  . उसकी अमेरिका जाने की बड़ी तीव्र इच्छा थी  . “ 


“ वह तो ठीक है  , पर तनु बहुत ज्यादा महत्वाकांक्षी है  . हम मिडिल क्लास के लोग हैं  . अमेरिका के चकाचौंध में कहीं उसके कदम बहक न जाएँ  . इसलिए मैं तो कहूँगी कि अमेरिका जाने के पहले ही क्यों न हम उसकी शादी कर दें  . “


“ मेरा मन भी यही कह रहा है  पर मुझे उम्मीद नहीं है कि वह इतनी जल्दी शादी के लिए तैयार हो जाएगी  . “  सुरेश ने कहा 


“ एक दो अच्छे लड़के मेरी नजर में हैं  . एक बार तनु से बात कर के देखते हैं  . उसकी भी राय जरूरी है  .  “


“ मेरे कुलीग का बेटा भी विवाह योग्य है  . उसने भी मुझ से तनु के बारे में कहा है  . मुझे नहीं लगता है कि तनु अभी शादी के लिए मानेगी  . “


“ आपने ही उसे इतनी ज्यादा छूट दे रखी है कि  हर बात का फैसला वह स्वयं करती है  . इतनी ज्यादा छूट लड़कियों के लिए ठीक नहीं है , कम से कम हमारे समाज में  . “   सीमा ने कहा 


“ ठीक है , तनु को पढ़ाई पूरी कर के आने दो फिर हमलोग इस विषय पर उस से बात करेंगे   . अभी से क्यों माथापच्ची करनी है  . तनु ने गुड न्यूज़ दी है  .  मुंह मीठा करो और साथ में गरमा गर्म चाय पकौड़े  भी हों  .  “ 


“ लाती हूँ , आप तो पकौड़ों के साथ चाय पीने के  लिए कोई न कोई बहाना ढूंढ ही लेते हैं  . “ बोल कर सीमा किचन में गयी  . 


रात में फिर तनु ने फोन किया  . इस बार फोन सीमा ने उठाया  . सुरेश समझ चुका था कि तनु का ही फोन होगा  , उसने कहा “ स्पीकर ऑन करो  . “ 


“ मम्मी पापा , मुझे माइक्रोसॉफ्ट का ऑफर मिल गया है  . इंडिया में पोस्टिंग के दौरान मुझे 24  लाख रूपये प्रति वर्ष मिलेंगे  . छह महीने के बाद मुझे अमेरिका जाना होगा और वहां मेरी स्टार्टिंग सैलरी होगी  1. 4 लाख अमेरिकी डॉलर प्रति वर्ष  . पता है मम्मी एक डॉलर करीब 85 रुपयों के बराबर होता है  . “ 


“ तू खुश है न ? “


“ हाँ , मम्मी  . मैं बहुत खुश हूँ  . “ 


“ बस तू खुश तो तेरे मम्मी पापा भी खुश हैं  . अब जल्दी से पढ़ाई पूरी कर घर आओ फिर तेरे हाथ पीले  करने की  सोच रहे हैं हम लोग  . “ 


“ मम्मी , अब मैं नहीं बात करूंगी  . फोन रखती हूँ  . मैंने कहा था न कि जब भी  मेरी शादी होगी मेरी मर्जी से और मेरी  पसंद के लड़के के साथ  . फिलहाल अभी इसकी जरूरत नहीं है  .  “   इतना बोल कर तनु ने फोन काट दिया 


पति को ओर देखते हुए सीमा ने कहा “ देखा न अपनी बेटी के तेवर  . सब कुछ उसकी मर्जी से होनी चाहिए , क्या हम उसका भला नहीं चाहते हैं ? “


“ बच्ची है , समझ जायेगी  . उसे आने दो हमलोग बात करते हैं  .  उसका लास्ट सेमेस्टर चल रहा है , बस तीन चार महीनों की बात है  . “


तीन महीने से कुछ ज्यादा बीतते बीतते तनु अपना फाइनल सेमेस्टर पूरा कर के घर आ रही थी   . इस बार वह अपने पूरे सामान के साथ हॉस्टल खाली कर के आयी थी  . इसलिए उसके पापा रांची स्टेशन पर उसे रिसीव करने गए थे . वे अपनी पुरानी फ़िएट कार से गए थे . कार  के ट्रंक में पूरा सामान नहीं आ रहा था इसलिए कुछ सामान कार की पिछली सीट पर रख तनु पापा के साथ आगे की सीट पर बैठ गयी . जैसे ही सुरेश ने कार स्टार्ट किया वह बोली “ क्या पापा , अब तो इस कार को हटाएँ  . “


“ हाँ वह भी हो जायेगा , पहले तो मुझे अपने दामाद के लिए नयी कार लेनी होगी . आजकल के लड़के कार से नीचे बात नहीं करते हैं . मेरी शादी के समय  मिडिल क्लास साइकिल की मांग करते थे और अपर मिडिल क्लास टू व्हीलर . “


“ पापा , बस भी कीजिए . आपलोगों की यह बात मुझे पसंद नहीं है . मेरी शादी की बात कभी भी बिना मुझसे पूछे नहीं करेंगे , प्लीज . दो महीने के अंदर मेरा फाइनल रिजल्ट निकलेगा . उसके बाद मुझे हैदराबाद ज्वाइन करने जाना है . वहां प्रोबेशन पूरा कर मैं यू एस ए जाऊंगी . वहां ठीक से सैटल  करने के बाद ही शादी की बात सोचूंगी . “ 


घर पहुँचने पर सीमा ने बेटी से कहा “ थोड़ा आराम कर के फ्रेश हो ले . तब तक मैं चाय  और पकौड़े बना लाती हूँ . तेरे पापा ने पहले ही कह रखा था पकौड़े के लिए . उस के बाद तुम से कुछ जरूरी बातें करनी हैं . “ बोलने के बाद वह सुरेश की और देख रही थी . सुरेश ने अपने मुंह पर अंगुली रख उसे चुप रहने का इशारा किया . तनु दोनों की हरकत देख सब समझ रही थी कि मम्मी को क्या बात करनी है . वह बोली “ मम्मी ,  आपलोगों को क्या  जरूरी बात करनी है , मैं जानती हूँ . बेहतर है आप पापा का इशारा समझ कर फ़िलहाल कुछ भी  न बोलें  . “ 


“ हम सदा तेरे भले की ही बात करेंगे , तुम समझती क्यों नहीं हो ? “


“ मैं अब बुरा भला समझने लगी हूँ , प्लीज शादी छोड़  कर कुछ और काम की  बात करें . “ 


“ अब  तू ही बता हम तुमसे क्या बात करें ? “ पापा ने कहा 


“ बताऊंगी , जरा चाय वाय हो जाने दें  . “ बोल कर तनु फ्रेश होने गयी . 


कुछ देर बाद तनु अपने माता पिता के साथ  बैठ कर चाय पी रही थी  . उसी समय सुरेश ने बेटी से पूछा “ हाँ , अब बता तुम क्या बात करने वाली थी ? “  


“ यही कि जून महीने के अंत तक मुझे  हैदराबाद माइक्रोसॉफ्ट ऑफिस  ज्वाइन करनी है  . अपना  पहला  वेतन मिलते ही आपके लिए नयी कार बुक कर दूँगी  . अब इस खटारे को निकालिये  . आपको चिंता नहीं करनी है EMI मैं भरूँगी या फिर कंपनी से कार लोन ले कर एकमुश्त डाउन पेमेंट कर के कार खरीद लूंगी  . “  तनु ने कहा 


“ बेटे , इसे खटारा नहीं कहते  . जरूरत के दिनों में यही  कार हम सभी के काम आयी है  . “ 


“  आपका कहना सही है  . मेरा भी पूरा बचपन और स्कूलिंग इसी कार पर बीता है  . ठीक है , अब आप इसे रिटायर कर आराम करने दें  . “  


तनु की बात सुन उसके माता पिता हँस पड़े  . दो महीनों के अंदर तनु ने हैदराबाद ऑफिस में ज्वाइन किया  . कुछ दिनों तक माइक्रोसॉफ्ट द्वारा दिए गए कंप्लीमेंट्री होटल में रहने के बाद  उसने अपना एक अपार्टमेंट किराए पर लिया  . फिर उसने अपने माता पिता को कुछ दिनों के लिए हैदराबाद आ कर रहने के लिए कहा  . उसके पिता एक साल के अंदर रिटायर करने वाले थे  . उन्होंने कहा “  हमलोग रिटायरमेंट के बाद आएंगे तो आराम से कुछ दिन वहां रहेंगे , अभी रहने दो  . “


“ पापा , आप भूल रहे हैं  . छह महीने बाद मेरी पोस्टिंग अमेरिका में होगी  . अभी आपलोग कुछ दिनों के लिए यहाँ आएं फिर बाद में आपलोगों को अमेरिका में भी बुलाऊंगी  . “ 


सुरेश अपनी पत्नी के साथ बेटी के यहाँ करीब तीन सप्ताह रहे  . इस बीच तनु ने अपने पापा के लिए नयी कार बुक कर के उसे रांची डिलीवरी करने का ऑर्डर दिया  . हालांकि  कार बुक करने के पहले उसके पिता ने कहा था “ रिटायर होने के बाद मेरा मूवमेंट बहुत कम हो जायेगा  . इसलिए मुझे नयी कार की जरूरत नहीं है  . “


पर तनु ने कहा “ मैं नहीं चाहती कि रिटायरमेंट के बाद आप पुरानी कार को मेंटेन करने की परेशानी उठायें  . मैंने सब सोच समझ कर आपलोगों के लिए नयी कार ली है  . अब आपलोगों के आराम के दिन हैं  . आराम से चिंतामुक्त रहें  . “ 

उसकी माँ ने कहा “ जब तक तेरी  शादी नहीं हो जाती है हम चिंतामुक्त नहीं रह सकते हैं  . “


“ फिर वही घिसीपिटी पुरानी बात , मुझे फ़िलहाल शादी के चक्कर  में  आपलोग नहीं डालें   . “ 


कुछ दिनों के बाद तनु के माता पिता रांची लौट गए  . 

 

क्रमशः